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‘अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि के दौरान की गई मुख्यमंत्री की घोषणा को किया जाए पूरा’

डेस्क |

सर्व देवता सेवा समिति ने उपायुक्त मंडी से मांग की है कि अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि मेलों के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा की गई घोषणा जिसमें आधा बीघा जमीन देवताओं को देने की बात की गई थी उसे अब पूरा किया जाए।
सर्व देवता सेवा समिति की कार्यकारिणी की बैठक शिव पाल शर्मा की अध्यक्षता में संस्कृति सदन मोतीपुर में आयोजित की गई। जिसमें समस्त कारदारों ने प्राकृतिक आपदा के बारे में चर्चा की। सर्व देवता समिति की ओर से सभी कारदारों से अनुरोध किया गया की वे अपने-अपने देवी देवताओं से प्रार्थना करें की इस आपदा से राहत देने की कृपा करें।
जो आपदा के दौरान आम जन मानस स्वर्ग सिधार गए है उनके बारे में प्रार्थना की गई भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें। शीघ्र ही इसमें देव समाज आर्थिक सहायता करेगा। शिवपाल शर्मा ने बताया कि बैठक में उपायुक्त मंडी से अनुरोध किया गया कि अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि के दौरान माननीय मुख्यमंत्री द्वारा जो आधा बीघा भूमि देवताओं को देने के बारे में घोषणा की गई थी।
उस पर शीघ्र कार्रवाई अमल में लाई जाए। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि मेले के दौरान देवताओं को पड्डल में बैठाने के लिए 2024 अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि के दो-तीन महीने पहले सुनिश्चित स्थान मुहैया कराया जाएं। ताकि कारदार अपने-अपने देवताओं का स्थान समझ सकें।
वहीं पर सोशल मीडिया में देव चुंजवाला शालागाढ़ के विषय में देवताओं के हरियानों द्वारा देवता के साथ आपस में छीना छपटी की गई है। वो दुर्भाग्य पूर्ण है उपरोक्त देवता के कारदार जिनको बैठक में बुलाया गया था कारदार ने बताया की इस मामले को शीघ्र ही निपटाने की कोशिश की जाएगी। सर्व देवता सेवा समिति अध्यक्ष ने कहा की देव समाज में अगर  हारियान ऐसी हरकत करते हैं तो सारा देव समाज बदनाम होता है।
इस पर समस्त कारदारों से अनुरोध किया कि ऐसे मामले सामने न आए और समस्त कारदार अपनी सोच समझ के साथ हारियानों से तालमेल करके देवता के रथ के साथ ऐसी हरकत न हो, अन्यथा ऐसी हरकतों पर देवताओं को मेले के लिए निमंत्रण देना उचित नहीं होगा।
बैठक में कारदारों ने मांग रखी की जिला मंडी में जो देवी-देवता सरकार द्वारा अधिग्रहण किए गए हैं उनको मुक्त किया जाए और वहां की स्थानीय समीतियों को कार्यभार सौंपा जाए ताकि मंदिरों का कार्य परंपरा और संस्कृति के अनुसार हो सके।